Monday, February 18, 2013

नमस्ते नहीं सिर्फ "राम राम"

"राम राम" केहते ही सबसे पहला ख़याल सिर्फ एक ही बात का आयेगा भगवन श्री राम का। अक्सर हमारे देश में लोग सुबह सुबह लोगों से मिलते हैं या काफी दिनोँ  के बाद मिलते हैं तो नमस्ते कहने की वजाए "राम राम" कहना जायद पसंद करते हैं। ये सिर्फ हमारे देश में ही बोल जाता है। आखिर क्यूँ  लोग "राम राम" कहना जायदा सही समझते हैं ?

चलिए ये हुई सवाल वाली बात अब मैं आपको एक किस्सा सुनाता हूँ। मैं जब जब मोर्निंग वाक के लिए जाता हूँ। मेरे साथ साथ चलने वाले काफी लोग होते हैं। उन्ही में से एक आदमी ही जिसकी उम्र करीब 70 साल की होगी हमेशा जब भी जिसको देखता है, सिर्फ "राम राम" बोलता है।अब भले ही वोह किसी जनता हो या नहीं जनता हो लेकिन "राम राम" ज़रूर बोलेता है। अब मेरे अन्दर एक सवाल और है। आखिर "राम राम" ऐसा क्या सन्देश जो वो सबको देना चाहता है ?

अब इन सवालोँ  के जवाब मैंने अकेले में खुद से पूंछे। जिनका जवाब मुझे जो समझ आया मैं बताना चाहता हूँ।

"राम राम" का मतलब होता है "एक राम मुझमे है और एक राम तेरे अन्दर है" इसका मतलब ये है। जो आदमी "राम राम" कहता है वह यह  सन्देश देना चाहता हैम, की मैं इस कलयुग में भगवन श्री राम के जैसा आचरण रखता हूँ और जिसके बदले में मैं आपसे मर्यादा पुरषोत्तम के जैसा ही आचरण चाहता हूँ। हलाकि की सबसे मुश्किल है किसी व्यक्ति से श्री राम जैसा आचरण रखने की उम्मीद करना लेकिन राम नाम के दो शब्द हमारे दो काम ज़रूर आते हैं। एक हम पूरे दिन कम से कम एक बार भगवन का नाम लेते हैं और दूसरा हमे याद दिलाता है की अपने आचरण में सुधार लेन की कोशिश करो। मुझे शायद मेरी यह राम राम की परिभाषा आची लगी इसीलिए मैं सभी से निवेदन करता हूँ। कृपया दिन सिर्फ एक बार राम राम ज़रूर कहें।


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